वास्तु दोष निवारण के उपाय


हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले शास्त्रों में शुभ समय देखकर ही किया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार शुभ समय में किया गया कोई भी कार्य असफल नहीं होता और ना ही उसमें हानि होती है। चाहे वो किसी नए कार्य की शुरूआत हो, घर बनवाना हो, या फिर गृह प्रवेश। बिजनेस से लेकर के निजी कार्यों में भी शुभ घड़ी को देखकर ही किसी भी कार्य की शुरूआत की जाती है।

अब बात करें घर की तो, हर किसी का सपना होता है कि उसका एक खुद का घर हो जहां पर वो अपने परिवार के साथ अच्छे से रह सके और खुशी-खुशी अपना जीवन यापन कर सके। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोग कड़ी मेहनत के बाद घर तो ले लेते हैं। लेकिन उनके जीवन में वो खुशिया नहीं पाती हैं। कोई ना कोई परेशानी आकर खड़ी ही हो जाती है। आपने सुना होगा कि कई बार लोग कहते हैं कि ये घर हमें फल नहीं रहा है, इस वजह से इतनी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। तो हम आपको बता दें कि ऐसा होने के पीछे की वजह होती है आपके घर का वास्तु दोष।



जी हां यदि आपके घर को वास्तु शास्त्र के हिसाब से नहीं बनाया गया है तो आपके घर में इस तरह की परेशानियां आएंगी ही। बता दें कि इसीलिए लोग यदि जमीन खरीद रहे होते हैं तो उसकी दिशा को ध्यान में रखते हैं। और घर बनाने में भी वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखते हुए ही घर बनवाते हैं। जिसमें घर के मुख्य द्वार से लेकर के घर के अंदर कहा पर कौन सा कमरा बनाना शुभ रहेगा इन सब बातों की जानकारी दी जाती है। साथ ही कौन सी दिशा में क्या हो और क्या नहीं, कौन सा कमरा या किस तरह की वस्तु को किस दिशा में बनाया जाए जिससे घर में एक सकारात्मक ऊर्जा की उत्पत्ति हो, यह सभी बातें हमें वास्तु शास्त्र में बताई गई है।
लेकिन बदलते वक्त के साथ लोग अब बने बनाए फ्लैट में रहना प्रिफर करते हैं। वहीं यदि आपने घर बनवाते वक्त वास्तु का ध्यान नहीं रखा तो बाद में इस आर्थिक, पारिवारिक, स्वास्थ्य और समाज से संबंधित परेशानियों का सामना आपको करना पड़ सकता है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि घर बनवाने या बने बनाए फ्लैट में तोड़फोड़ करके वापस से उसे बनवाना काफी सरदर्दी वाला काम तो है ही साथ ही यह आपकी जेब को भी काफी नुकसान पहुचाएगा। तो आज हम आपको अपने लेख में वास्तुदोष निवारण बताएंगे, जिनके द्वारा आप बिना तोड़ फोड़ किए अपने घर में सुख-शांति ला सकते हैं। 

वास्तु शास्त्र में दिशा का महत्व

बता दें वास्तु शास्त्र में दिशा को बहुत मह्तवपूर्ण बताया गया है। आपके घर का मुख्य द्वार किस दिशा में खुलना चाहिए। घर के किस कोने में क्या बनवाना चाहिए ये सब बातें वास्तु शास्त्र में बताई गई हैं। वैसे तो हमनें बचपन से ही स्कूल की किताबों में चार मुख्य दिशाओं के बारे में पढ़ा हैउत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशाएं 4 नहीं बल्कि 11 होती हैं।
बता दें कि इन 4 दिशाओं के अलावा उत्तर पश्चिम, उत्तर पूर्व, दक्षिण पश्चिम और दक्षिण पूर्व वहीं एक दिशा जो आकाश की ओर ऊपर है, एक दिशा जो पाताल की ओर यानी नीचे की दिशा है और आखिरी में वो दिशा जहां हम खड़े हैं, यानी कि मध्य की दिशा। वास्तु शास्त्र की दृष्टि से आखिरी में बताई गई यह तीन दिशाएं एक घर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

बता दें कि घर में सुख-समृद्धि, धन की कमी और परिवार में किसी प्रकार की कोई कलह ना हो इन सब चीजों के लिइ इन तीन दिशाओं का सही हो ना अनिवार्य है। बता दें घर की मध्य दिशा का वास्तु शास्त्र में विशेष महत्व है, मध्य दिशा को घर की ढाल की तरह माना जाता है। कहते हैं जिस घर की मध्य दिशा में कोई खोट हो, वह घर कभी फलता-फूलता नहीं है।

तो चलिए आपको बताते हैं कि इन दशाओं में आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे वास्तु दोष निवारण करने चाहिए ताकि आपके घर से सारी विपदाएं दूर रहे-

उत्तर दिशा में वास्तु दोष निवारण के उपाय

यदि आपके घर में उत्तर दिशा का भाग कटा हो तो आप उत्तर की दीवार पर एक बड़ा सा शीशा लगा दें, ऐसा करने से उस दिशा के वास्तु दोषों का निवारण हो जाता है।
इसी के साथ इस दिशा में लक्ष्मी माता की ऐसी तस्वीर लगाएं जिसमें मां कमलासन पर विराजमान हों और स्वर्ण मुद्राएं गिरा रही हों।

इसके साथ ही आप उत्तर दिशा में तोतों की तस्वीर भी लगा सकते हैं। ऐसा करने से पढ़ाई करने वालें बच्चों को काफी सहायता मिलती है।
उत्तर दिशा में बुध यंत्र, कुबेर यंत्र या लक्ष्मी यंत्र की स्थापना करें। साथ ही इस दिशा की दीवार पर हल्के रंग का पेंट लगवाएं।

दक्षिण दिशा में के उपाय

यदि आपके घर की दक्षिण दिशा कटी हो या थोड़ी बढ़ी हुई हो तो इसे कटवाकर इसे गोलाकार या आयताकार शेप दें। साथ ही इस दिशा को कभी खाली ना छोड़ें यदि वहां पर खाली जगह है तो वहां पर आप कोई पौधा लगाएं। साथ ही इस दिशा में लाल रंग का वास्तु दोष निवारण पेंट करवाना शुभ माना जाता है।
यदि आपका घर दक्षिण दिशा में हैं तो आप भैरव और हनुमान जी की आरधना अवश्य करें।
इस दीवार पर हनुमान भगवान का लाल रंग का चित्र लगाएं और साथ ही मंगल यंत्र की स्थापना भी करें।

पूर्व दिशा में वास्तु दोष निवारण के उपाय

यदि आपके घर की पूर्व दिशा का क्षेत्र कटा हुआ है तो ऐसे में इस दिशा में एक बड़ा सा शीशा लगाएं। ऐसा करने से आपके घर का पूर्वी भाग बड़ा प्रतीत होगा। साथ ही इस दिशा में सूर्य भगवान की सात घोड़ों पर सवार वाला चित्र लगाएं।

साथ ही यदि घर की इस दिशा में दोष हैं तो प्रतिदिन सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें गुड़ और लाल चंदन को मिलाकर सूर्य को अर्ग दें और सात बार गायत्री मंत्र का जाप करें।

बता दें कि अगर आपके घर का पूर्वी भाग ऊंचा है तो ऐसा होने से घर में धन और स्वास्थय की हानि होती हैं. इसलिए अपने घर के इस भाग को सदैव थोड़ा नीचा, साफ-सुथरा और खाली रखें।

यदि आपका घर पूर्व दिशा में है तो आपको अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाना चाहिए। और घर के मुखिया को हर रविवार आदित्य ह्दय का पाठ करना चाहिए।

साथ ही घर में सूर्य की किरण के लिए इस दिशा में खिड़की बनवाएं। साथ ही इस दिशा में सूर्य यंत्र की स्थापना करें।

पश्चिम दिशा के वास्तु दोष निवारण के उपाय

यदि आपका घर इस दिशा में कटा या बढ़ा हुआ है तो उसे वर्गाकार या आयताकार आकार दें। साथ ही पश्चिम दिशा में खाली स्थान पूर्व दिशा से कम ही रखें।

यदि आपका घर पश्चिम दिशा में हैं तो सूर्यास्त के बाद कोई भी शुभ कार्य ना करें।

घर के मुख्य द्वार पर काले घोड़े और घोड़े की नाल लगाएं। जिसका मुख नीचें की ओर रखें।

इस दिशा में शनि यंत्र की विधिपूर्वक स्थापना करें।

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